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मंगलवार, अप्रैल 30, 2024
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सुपरटेक लिमिटेड ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त कार्यवाही,ट्विन टावर गिराने का आदेश पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड ग्रुप पे कानूनी कैची चलते हुए उसके द्वरा बनाये गए ट्विन टावर्स को गिराने का आदेश पारित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने वक्तव्य में कहा है कि टावर बनाते समय दिए गए निर्देशों का पालन नही हुआ जिसके कारण ये दोनों टावर को गिरा दिया जाए और इस पर जल्द से जल्द कार्यवाही हो, इसके साथ साथ इस प्रोजेक्ट के प्रबंधक को तत्कालीन प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

इन दोनों टॉवरों में कुल मिला के कुल 850 फ्लैट्स है जिनको बनाते वक़्त अग्नि से बचने के नियमो के साथ साथ दोनों टावर के बीच की दूरी का ध्यान नही रखा गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले पर कड़ी कार्रवाई काआदेश दे दिया है. सीएम ने न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए है और जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है।

बुधवार की सुबह सीएम आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी. उन्होंने कहा था कि इसके निर्माण की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, सीएम ने कहा था, ‘नोएडा के सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट केस में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इस मामले में किसी प्रकार विलंब नही होना चाहिए, सभी पैमाने पर विशेष ध्यान देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वरा दिए गए आदेश का पालन हो. मामले में दोषी एक-एक अधिकारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अगर जरुरत पड़ी तो दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए जाने चाहिए. इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए.’

अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि नोएडा के अधिकारियों से तुरंत रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने कहा था, ‘इस कार्य में सम्मिलित अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक कार्रवाई होगी और इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कोर कमेटी गठित बना दी गयी है।

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोए़डा में सुपरटेक लिमिटेड ग्रुप के ट्विन टॉवर्स को गिराने के आदेश जारी कर दिया था. इन दोनों टावर में कुल 850 फ्लैट्स है. जांच में पता चला था कि टावर बनाते समय दोनों टावर के बीच की दूरी को दरकिनार और अग्नि संबंधित जो नियम बनाये गए है उनका उल्लंघन हुआ है.

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