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दुर्लभ कश्यप :- शुरुआत और अंत की कहानी | Durlabh Kashyap Biography In Hindi

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दुर्लभ कश्यप की जानकारी पढ़े हिंदी में । Durlabh Kashyap Biography In Hindi

आँखों मे काजल, माथे पे तिलक, कंधे पे काला गमछा, कभी लंबे बाल कभी छोटे बाल, और हाथ मे चिलम का सामान, एक नज़र में आप को ऐसा लगेगा जैसे कि किसी बच्चें छोटे मे ही जोग ले लिया हो। भोले नाथ का परम भक्त हर काम करने से पहले महाकाल की पूजा करना। हर फिकर को धुंए में उड़ता चला जाता। देखने मे जितना मासूम इरादे उतने ही खतरनाक । 16 साल की उम्र मे ही मध्य प्रदेश के हर जगह उसकी खबरे थी । वो किसी अच्छे काम के लिए नही बल्कि उसके द्वारा की गई हत्या,चोरी, डकैती, अपरहण इन विशेष काम को लिए जाना गया ।

जिसने महज दो साल में जुर्म की दुनिया मे वो नाम कमाया होगा जो आज तक कोई नही काम सका। जब आम बच्चे 16 साल की उम्र में अपने जीवन को एक अच्छी रहा देते है वही durlabh kashyap ने अपने अपने जीवन का मार्ग गलत दिशा मे ले गया।

एक ऐसा अपराधी जिसने सोशल मीडिया को अपनी दुकान बनाया औरअपने फेसबुक पेज पे अपने बॉयोडाटा में वह खुले तौर पर लिखता की हमारे यहाँ हत्या ,रंगदारी,हर तरह के मसलो का निपटारा किया जाता है।

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दुर्लभ की मौत भी ठीक उसी प्रकार हुई जैसे वो लोगो की हत्त्या करता था।
किसी ने खूब कहा है कि जुर्म की कोई उम्र कोई सीमा या कोई स्कूल नही होता आज दुर्लभ कश्यप के बारे जान कर आप को ऐसा ही लगेगा।

आइए जानते है Durlabh Kashyap Biography in Hindi

दुर्लभ कश्यप कौन था (Who is Durlabh Kashyap) ?

8 नवंबर सन् 2000 में ujjain में एक बिजनेस कारोबारी पिता और सरकारी टीचर मां के यहां किलकारियां गूंज उठी और जन्म हुआ एक लड़के का, पिता ने नाम रखा durlabh kashyap पिता का मानना था कि बड़े होकर उनका बेटा एक अच्छा और सबसे हटके कुछ नया करेगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही उसने बड़े काम किये लेकिन जो उसे अपराध की दुनिया ई तरफ ले गए और इसकी शुरुवात स्कूल से हुई। स्कूल समय से ही दुर्लभ अपने से सीनियर और जूनियर के झगड़ो को निपटाने लगा फिर धीरे-धीरे स्कूल मे उसका दब दबा बन गया। फिर क्या था स्कूली दादा का खौफ इतना बढ़ गया की इसकी उम्र के लड़के दुर्लभ को ही अपना रोल मॉडल मानने लगे।

धीरे धीरे durlabh kashyap ने अपने ही उम्र के लड़कों के साथ एक गैंग बना लिया। गैंग के लड़के कश्यप के कहने पर किसी को भी मौत के घाट उतारने को तैयार रहते थे। कुछ सूत्र बताते हैं की दुर्लभ का नाम इतना था की दूसरे शहर के लड़के भी उसकी गैंग में भर्ती के लिए उज्जैन अपना घर बार छोड़कर आने लगे थे। धीरे धीरे दुर्लभ आने काम और अपनी गैंग की बदौलत एम. पी के ज्यादातर शहरों में अपने नाम का कॉफ पैदा कर चुका था और यही कारण था कि वो अब वह के व्यपारी आउट पुलिस के लिए नासर बन गया था। 17 साल की उम्र तक पहुंचते पहुंचते उसके ऊपर तमाम अपराधिक मामले भी दर्ज होने की शुरूआत हो चुकी थी, जिनमें फिरौती, जान से मारने की धमकी जैसे संगीन मुकदमे उज्जैन के कई थानों में दर्ज हो चुके थे।

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महज 18 साल की उम्र तक पहुंचते ही उस पर 9 मुकदमे दर्ज हो चुके थे। ऐसा कहा जाता हैं की durlabh kashyap ujjain का भाई बनाने में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा हाथ था। कश्यप ने अपने फेसबुक के अकाउंट के बायो में लिख रखा था की कि वह कुख्यात बदमाश है , हत्यारा और अपराधी है कोई सा भी विवाद हो, कैसा भी विवाद हो तो उससे संपर्क करें। ऐसे तमाम पोस्ट के जरिए वो और उसका गैंग लोगों को धमकाने का काम करने लगें। लेकिन कहते है न की अपराध की दुनिया ज्यादा बड़ी नही होती हैं। जैसे ही उज्जैन पुलिस को इन पोस्ट के बारे में 27 अक्टूबर 2018 पता चला वैसे ही दुर्लभ और उसके गैंग के 23 लड़कों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। ये पहली बार था जब दुर्लभ कश्यप को जेल हुई।

Durlabh Kashyap को किया था आगाह

Durlabh kashyap जब जेल में था, तो उस वक़्त ujjain के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने उसको बोला था कि कश्यप तूने कम उम्र में ज्यादा दुश्मनी पाल ली है, तू जेल में जब तक है तब तक ज़िन्दा है बाहर निकलेगा तो कोई न कोई तुझे मार देगा” और बाद में एसपी साहब की भविष्यवाणी बिल्कुल सच साबित हुई। पिछले साल लॉकडाउन से पहले दुर्लभ जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आया था, और इंदौर में रहने लगा जब लॉकडाउन खुला तो वो अपनी माँ के पास उज्जैन वापस चला गया।

वो 6 सितम्बर 2020 की रात थी जब durlabh kashyap की माँ ने अपने बेटे और उसके दोस्तों के लिए दाल बाटी बनाई थी, सबने साथ बैठकर खाना भी खाया, इसके बाद दुर्लभ अपने चार दोस्तों के साथ चाय और सिगरेट पीने के लिए अमन उर्फ़ भूरा की दुकान पर रात के एक बजे पहुंचा था।

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रात के करीब डेढ़ बजे थे, यहाँ पर दूसरी गैंग के शहनवाज, शादाब, इरफ़ान, राजा, रमीज और उनके कई साथी भी उसी दुकान पर पहुंचे। पुरानी रंजिश के चलते दोनों एक दूसरे को घूरने लगे और शहनवाज से दुर्लभ की कहासुनी हो गयी। फिर क्या था शाहनवाज और उसके साथियों ने चाकुओं से durlabh kashyap के ऊपर हमला कर दिया, दुर्लभ ने अपने ऊपर हुए इस हमले का जवाब शाहनवाज पर गोली चला के दी जो उसके कंधे पर लगी और वो घायल हो गया।

इस के बाद शहनवाज के साथी दुर्लभ और उसके दोस्तों पर टूट पड़े। दुर्लभ के साथ उसके चार दोस्त थे, जबकि शाहनवाज के साथियों की संख्या काफी ज्यादा थी। इन लोगों ने durlabh kashyap पर चाकुओं से वार करना शुरू कर दिया और उसके दोस्त अपनी जान बचाकर भाग गए। कश्यप के दोस्त अभिषेक शर्मा का कहना था कि शादाब चाक़ू मार रहा था और चाय वाला भूरा कह रहा था कि “शादाब भाई इसे ख़त्म कर दो जिन्दा मत छोड़ना”। दुर्लभ को 34 बार चाकुओं से गोदा गया था और मात्र 20 साल की उम्र में उसकी मौत हो गयी। इस गैंगवार की खबर से पूरे उज्जैन की नींद खुल गई। हर चैनल पर बस कश्यप की खबरें चलने लगी थी।

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वो माँ जिसने कुछ समय पहले ही अपने जिस बेटे को खाना खिलाया था, थोड़ी ही देर बाद उसी बेटे की लाश की शिनाख्त करने के लिए उसे बुलाया गया। दुर्लभ की मौत के 7 महीने बाद उसकी माँ पदमा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। पिता मनोज कश्यप चाहते हैं कि जिस राह पर उनका बेटा गया कोई और युवा अपराध के उस रस्ते पर ना जाए। durlabh kashyap हत्याकांड के मुख्य आरोपी की भी जेल में मौत हो गयी. वो छत पर चढ़ा और वहां से औंधे मुंह नीचे कूद गया जिससे उसके सिर में गहरी चोट आई, उपचार के लिए उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी।

दुर्लभ कश्यप (Durlabh kashyap) का फेसबुक पर था स्टेट्स

दो साल पहले दुर्लभ कश्यप ने अपनी फेसबुक वाल पर एक पोस्ट डालकर दहशतगर्दी फैलाने का काम शुरू किया था, उसे बकायदा इसके लिए रेट तक तय कर दिए थे। पुलिस ने अक्टूबर 2018 में उस समय इस नई गैंग के 23 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, जो कि कम उम्र के थे। इनमें कुछ नाबालिग भी थे। गुंडागर्दी, मारपीट, लोगों को डराने के मामले में केस दर्ज हुआ था।

दुर्लभ कश्यप (Durlabh Kashyap) ने नाबालिगों की गैंग कर रखी थी तैयार

दुर्लभ कश्यप का फेसबुक पर स्टेट्स था कि वह कुख्यात बदमाश, हत्यारा और अपराधी है कोई सा भी विवाद हो, कैसा भी विवाद हो, तो उससे संपर्क करें। इसी के साथ इन लोगों की प्रोफाइल पर हथियारों के साथ पोस्ट, धमकाने और दहशत फैलाने वाली पोस्ट भी डाली जाती थी। गैंग के लोगों की फेसबुक आइडी का संचालन करने के लिए भी एक टीम बना रखी थी। जो दहशत फैलने वाली पोस्ट करते थे। इस आइडी से जेल में बंद लोगों की भी फोटो पोस्ट की गई थी।

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दुर्लभ कश्यप एक ऐसा लडका था जो नाबालिक अवस्था में ही अपराध की दुनिया में अपने पैर आगे बढ़ा चुका था और वो ना केवल अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित हुआ बल्कि उसमे नए हम उम्र के लड़कों की लाइन तैयार की जो उसके फॉलोवर बन गए, और इस फॉलो करने में उसका मुख्य साधन था सोशल मीडिया फॉलोवर्स को बढ़ाने के लिए वो सबसे ज्यादा फेसबुक पर एक्टिव था। कई बार उसने व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाये और उसी के माध्यम से अपने लड़को को मूवमेंट करवाना कई जगह पर जाना, विवाद में शामिल होना, नशा करना इस प्रकार की उसके लिए आम बाते हो गई थी।

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