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शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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दिसम्बर में गरीबों को मुफ्त राशन मिलना मुश्किल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं!

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) के तहत गरीबों को नवंबर के बाद मुफ्त राशन मिलना मुश्किल है। खाद्य सचिव ने बताया कि इस स्कीम के तहत नवंबर के बाद भी गरीबों को राशन दिए जाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

आपको बता दे, पिछले साल कोरोना के समय से केंद्र सरकार की ओर से इस स्कीम के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है। इसी साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस स्कीम को नवंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया गया था। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था अब सुधार की ओर बढ़ रही है। ऐसे में PM गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार का कोई प्लान नहीं है।

PM गरीब कल्याण अन्न योजना को 2020 मार्च में शुरू किया गया था। शुरू में यह योजना अप्रैल से जून 2020 तक के लिए थी। फिर इसे बढ़ाया गया और नवंबर 2021 तक के लिए इसे लागू किया गया। पांडे ने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और हमारी ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) भी इस साल अच्छी रही है। इसलिए इस गरीब कल्याण योजना को बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो चना हर महीने दिया जाता है। यह अनाज राशन की दुकानों के माध्यम से लोगों को मिलता है।

खाने के तेल की महंगाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। कई जगहों पर 20, 18, 10, 7 रुपए की तक की गिरावट देखने को मिल रही है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने शुक्रवार को एक रिलीज जारी किया। इसमें इसने कहा कि सरकार ने क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर ड्यूटी घटा दी है। पहले इन तेलों पर 2.5% ड्यूटी लगती थी जो अब खत्म कर दी गई है। पिछले कुछ महीने से खाने के तेल की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी थीं।

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क्रूड पॉम ऑयल पर कृषि सेस 20% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है। जबकि क्रूड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल पर इसे 5% कर दिया गया है। RBD पामोलीन ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन और रिफाइंड सनफ्लावर तेल पर बेसिक ड्यूटी 17.5% कर दी गई है। यह अभी तक 32.5% थी।

वहीं इससे पहले मंगलवार को अडाणी विल्मर और रुचि सोया ने खाने के तेल की कीमतों में 4-7 रुपए की कमी की थी। हालांकि कीमतें थोक भाव पर घटाई गई थीं। दरअसल सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने यह फैसला किया था कि उसके सदस्य खाने के तेल की कीमतों को सस्ता करेंगे। इसी के तहत यह फैसला किया गया था। इसने कहा कि उसके अन्य सदस्य जैसे जेमिनी एडिबल ऑयल और फैट्स इंडिया, मोदी न्यूट्रल्स, गोकुल रिफॉयल, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो और एनके प्रोटींस भी अपने खाने के तेल की कीमतों में कमी कर दिए हैं।

इस साल घरेलू सोयाबीन और मूंगफली की फसल में तेजी आ रही है, जबकि सरसों की बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट बहुत उत्साहजनक है और भरपूर रैपसीड फसल होने की उम्मीद है। इसके अलावा दुनिया भर में खाने के तेल की आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। भारत अपनी जरूरत का 60% से ज्यादा तेल विदेशों से मंगाता है। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) में भारी कमी सहित कई अन्य उपाय किए थे।

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