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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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एक फ्लैट वाले नहीं रख रख सकेंगे एक से ज्यादा पर्सनल गाड़ियां: बॉम्बे हाई कोर्ट

महाराष्ट्र की बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि एक फ्लैट के मालिक एक से ज्यादा वाहन नहीं रख सकेंगे. इस मामले में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के पास कई गाड़ियां हैं और पार्किंग की जगह नहीं है, उनको एक से ज्यादा पर्सनल गाड़ी रखने की अनुमति नहीं होगी.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों को चार या पांच गाड़ियां रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जिनके पास केवल एक ही फ्लैट है और जिनकी कॉलोनी या सोसाइटी में गाड़ियां खड़ी करने की पर्याप्त जगह नहीं है.

बता दें कोर्ट ने ये बात नवी मुंबई के रहने वाले संदीप ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें ठाकुर ने एक सरकारी आदेश को चुनौती दी थी. एकीकृत विकास नियंत्रण एवं संवर्धन नियामक कानून में संशोधन करते हुए फ्लैट और बिल्डिंग बनाने वाले डेवलपर को पार्किंग की जगह को कम करने के लिए कहा गया था

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों को चार या पांच गाड़ियां रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जिनके पास केवल एक ही फ्लैट है और जिनकी कॉलोनी या सोसाइटी में गाड़ियां खड़ी करने की पर्याप्त जगह नहीं है.

डेवलपर नहीं देते पार्किंग के लिए स्पेस

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ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा कि डेवलपर नई बिल्डिंगों में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्पेस नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते कॉलोनियों और सोसाइटी में रहने वाले लोगों को बाहर सड़क पर गाड़ियां खड़ी करनी पड़ती है. इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा कि जो लोग आसानी से गाड़ियां खरीद सकते हैं उनको चार-पांच गाड़ियां रखने की इजाजत देना गलत है. गाड़ियां लेने से पहले आपको ये देखना होगा कि गाड़ी पार्क करने के लिए आपके पास पर्याप्त जगह है या नहीं.

पार्किंग से घिरी रहती हैं 30% सड़कें

कोर्ट ने गाड़ियों की बढ़ती संख्या पर बात करते हुए कहा कि आज सड़कों की दोनों साइड का 30% हिस्सा पार्किंग की वजह से घिरा रहता है. गाड़ियों को ऐसे सड़कों पर खड़ी करने की बात अब आम सी हो गई है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य के सरकारी अधिवक्ता मनीष पाबले से दो हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.

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