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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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राम मन्दिर जमीन घोटाला – सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है.

देते हैं भगवान को धोखा इन्सान को क्या ये छोड़ेंगे…………..!

वैसे ‌तो‌ ये गाना 1967 में‌ आती फिल्म  उपकार का है, किन्तु कालान्तर में  इसने अपना‌ जलवा‌ कायम रखा है. जो महत्व शादियों में “आज‌ मेरे यार की शादी है” और मैय्यत में “ऐ मेरे दोस्त लौट के आजा” का है वही इस गाने का है. जब जब‌‌ किसी गड़बड़ घोटाले की पोल पट्टी खुली है, ये गाना‌ सबको ‌याद आ जाता है. पिछले कुछ दिनों से ये फिर सबकी जबान‌ पर‌ है और इस बार मामला  है राम मन्दिर जमीन‌ घोटाले का.

क्या है विवाद?

दरअसल ये मामला 12080 वर्ग मीटर जमीन‌ का है, जिसकी खरीद फरोख्त में गड़बड़ी की बात सामने आयी है. ये‌ जमीन राम मंदिर परिसर से लगी हुई है और मंदिर, यात्रा और दर्शन की सुलभता हेतु खरीदी गयी है. ट्रस्ट का‌ कहना‌ है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए एवं रास्ते इत्यादि की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये जमीन खरीदी गयी

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खरीद पर ही फंसा है पेंच

इस सौदे के समय जमीन की जायज कीमत (मालियत) 5,79,84000 थी. किन्तु 18 मार्च 2021 को‌ कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने‌ ये‌‌ जमीन मात्र 2 करोड़ रूपये यानी सर्किल रेट के लगभग 35% दाम में सुल्तान अंसारी और  रवि मोहन‌ तिवारी को बेच दी.

कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त

जिस दिन ये‌ जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन‌ तिवारी ने खरीदी उसी दिन 15 मिनट के भीतर राम मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ यानी 16.5 करोड़ के मुनाफे और सर्किल रेट के 3 गुने से अधिक ‌में बेच दी. दोनों ही सौदौं में अनिल मिश्रा (सदस्य राम मंदिर ट्रस्ट) एवं ऋषिकेश उपाध्याय (मेयर, अयोध्या) गवाह हैं.

घोटाले का शक

अनिल मिश्रा की गवाही होने की वजह से ही इस मामले ने तूल पकड़ा है. ट्रस्ट पर आरोप है कि भारत भर से आये चंदे की रकम को पचाने ‌के लिए राम मंदिर ट्रस्ट के सभी सदस्य मिल जुल कर ऐसे खरीद फरोख्त करा रहे हैं.

ट्रस्ट का पक्ष

अध्यक्ष श्री चंपत राय ने बयान जारी करते हुये बढ़ी हुयी कीमतों को कारण बताया है, लेकिन‌ 15 मिनट में जमीन की कीमत 8 गुना कैसे बढ़ी इसका जवाब अभी आना बाकी है.

सीबीआई जांच की मांग

जैसे ही खबर फैली सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने घोटाले का आरोप‌ लगाते हुए निष्पक्ष सीबीआई जांच की‌ मांग कर डाली.

हमारा‌ स्टैंड

श्री राम सदियों से आस्था एवं विश्वास के प्रतीक हैं. भावनात्मक तौर पर बचाव की जगह तथ्यात्मक तरीके से ये धुंध‌ साफ होनी चाहिए।

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