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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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कहीं चलते हैं लट्ठ तो कहीं बरसते है फूल, भारत के इन हिस्सों में बड़े खास अंदाज में मनाई जाती है होली

भारत एक ऐसा देश है, जहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते है। हर धर्म और समुदाय के लोगों की अपनी अपनी अलग संस्कृति होती है, अपने अलग त्योहार होते हैं। यही संस्कृति भारत को सबसे खास बनाती है। हमारे त्योहार, हमारी संस्कृति और सभ्यता को प्रदर्शित करते हैं। हर महीने कोई न कोई त्योहार होते हैं। मकर संक्रांति से शुरू होकर क्रिसमस तक के बीच कई त्योहार आते हैं। भारत में त्योहार आते-जाते रहते हैं, लेकिन हिंदू धर्म की बात करें तो हमारा सबसे बड़ा त्योहार होली और दिवाली होता है। इन दोनों की अलग ही कहानी है।

होली के त्यौहार को रंगों का त्यौहार कहा जाता है, इस दिन हर उम्र के लोग मौज मस्ती में शामिल होते है| होली का त्योहार सिर्फ रंगों का ही नहीं बल्कि भाईचारे एवं स्नेह का प्रतीक भी है | हर साल यह त्यौहार फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है। होली एक ऐसा अद्भुत त्योहार है जो उत्साह से भरा है। इस साल होली 18 मार्च को है। इस दिन पूरे देश में रंगो और फूलों की बारिश होती है। भारत के लोग जोश और बड़े हर्षोल्लास के साथ रंगों का त्योहार मनाते हैं। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। इस त्योहार की सबसे खास बात यह है कि भारत में अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। होली के दिन लोग एक दूसरे पर रंग लगाते हैं और सारे गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे के गले मिलते हैं। रंगों का त्योहार अलग-अलग नामों के साथ विदेशों में भी मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाने वाली ये होली दुनिया भर में मशहूर है। ऐसे में आइए जानते हैं अलग-अलग जगहों पर होली कैसे मनाई जाती है।

मथुरा-वृंदावन की होली

उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन की होली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। हर जगह होली का जश्न केवल 1 दिन ही मनाया जाता है लेकिन ब्रज की होली एक सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर और मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर में भक्त भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते हुए पानी वाले रंगों और गुलाल से जमकर होली खेलते हैं। मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण के कई मंदिर है और हर मंदिर की अलग-अलग कहानी है।

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बरसाना की होली

बरसाना की होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। वृंदावन के बाद सबसे प्रसिद्ध होली बरसाने की है। कहा जाता है कि बरसाना देवी राधा का मायका है। यहां लट्ठमार होली खेलने की परंपरा है। लट्ठमार होली में महिलाएं लाठी से पुरुषों को मारती हैं और पुरुष ढाल से खुद को बचाते हैं। यह देखने में काफी खूबसूरत लगता है।

पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन की होली

कोलकता वैसे तो नवरात्र के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन की होली काफी मशहूर है। यहां पर लोग होली और बसंत का त्योहार एकसाथ मनाते हैं। इस दिन कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें लोग पारंपरिक वेशभूषा पहन कर नाचते हैं, गुलाल लगाते हैं और कई अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।

मणिपुर की होली

मणिपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। इसके साथ मणिपुर में भी होली का एक अलग ही मज़ा होता है। यहां होली शानदार तरीके से मनाई जाती है। यहां होली का उत्सव 6 दिनों तक चलता है।

असम में होली

असम में होली को दोल जात्रा के नाम से जाना जाता है। यहां पर दो दिनों तक होली मनाई जाती है। पहले दिन लोग होलिका दहन में मिट्टी की झोपड़ी जलाते हैं और दूसरे दिन रंगों और पानी से जमकर होली खेली जाती है।

पंजाब के आनंदपुर साहिब की होली

आनंदपुर साहिब पंजाब की होली भी काफी मशहूर है। यहां होली को होला मोहल्ला कहा जाता है। इसमें लोग भजन कीर्तन के साथ-साथ मार्शल आर्ट स्किल का प्रदर्शन भी करते हैं।

कर्नाटक के हंपी में होली

कर्नाटक के हंपी में भी होली 2 दिन तक चलती है। इस दौरान लोग नाचते, गाते और रंगों से खेलते हैं।

मोहित नागर
मोहित नागर
मोहित नागर एक कंटेंट राइटर है जो देश- विदेश, पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और वास्तु से जुड़ी खबरों पर लिखना पसंद करते हैं। उन्होंने डॉ० भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मोहित को लगभग 3 वर्ष का समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव है।

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