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TIK TOK: अमेरिका में भारी पड़ा टिक-टॉक का बाथरूम चैलेंज, छात्रों ने फायर अलार्म, मिरर और टाइल्स तक चुरा डाले!

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नई दिल्ली: टिक-टॉक पर आए दिन नए- नए चैलेंज इसके यूजर्स को दिए जाते हैं जो दूनियाभर में तेजी से वायरल होते है फिर यूजर्स अपनी विडियो रिकॉर्ड करके चैलेंज पूरा करते हैं। इसी क्रम में अब इन दिनों टिक टॉक का बाथरूम चैलेंज तेजी से यूजर्स को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं इससे अमेरिका को कुछ अलग ही तरह का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अमेरिकी स्कूलों के बाथरूमों से इन दिनों फायर अलार्म, सोप डिस्पेंसर, पेपर नैपकिन, बाथरूम मिरर, सैनिटाइजर गायब हो रहे हैं। यहां तक कि कुछ स्कूलों से टीचर्स की डेस्क तक चुरा ली गई है।

अपना लाख कोशिशों के बावजूद भी टीचर्स और स्कूल प्रशासन चोरियां को नहीं रोक पा रहे हैं। किसी को पता नहीं कि ये चीजें कौन और कहां ले जा रहा है। पर टिक-टॉक पर शेयर हो रहे वीडियो में इन्हें देखा जा सकता है।

आपको बता दें, टिक-टॉक का ‘बाथरूम चैलेंज’ पूरा करते हुए, वीडियो #deviouslicks के साथ शेयर किए जा रहे हैं। पिछली 1 सितंबर को टिक-टॉक यूजर ने वीडियो शेयर किया था, जिसमें उसने स्कूल से चुराया डिस्पोजेबल मास्क का बॉक्स अपने बैग में रखा था। इस वीडियो को 2.39 लाख बार देखा गया। कुछ दिन बाद इसी हैशटैग के साथ स्कूल से चुराए सैनिटाइजर चुराने का वीडियो शेयर किया गया।

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बता दें, ट्रेंड करने के बाद से प्लेटफॉर्म पर महीनेभर में 94 हजार से ज्यादा वीडियो आ चुके हैं। इस हैशटैग ने छात्रों को बड़ी चोरियों के लिए उकसाया है। कुछ स्कूलों में तो छात्र बाथरूम टाइल्स, हैंडरेल और पार्टिशन जैसी चीजें भी उखाड़कर ले जा चुके हैं।

फ्लोरिडा के पॉस्को काउंटी के 10 स्कूलों में तो कुर्सियों के पैर तोड़कर बाथरूम में फेंक दिए गए। महामारी के बाद मुश्किलें झेलकर स्कूल खोलने का जोखिम लेने वाले संचालक इस नई चुनौती से बेहद परेशान हैं।

स्कूल अब सजा देने और जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रहे

कैलिफोर्निया से जॉर्जिया तक स्कूलों ने छात्रों पर सख्ती के लिए निलंबन, अपराध दर्ज करवाना और मुआवजा वसूलने तक के आदेश दे दिए हैं। वहीं कुछ स्कूलों ने क्लास के दौरान बाथरूम लॉक करना शुरू कर दिए हैं। सैन एंटोनियो में स्कूल छात्रों और उनके परिवारों से इस नुकसान के एवज में जुर्माना वसूल रहे हैं। जिले के प्रवक्ता ऑब्रे चांसलर बताते हैं कि हमारा उद्देश्य पैसे वसूलना नहीं है, पर छात्रों को गलती का अहसास कराना जरूरी है।

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