Advertisement

अवनि लेखरा ने गोल्ड पे लगाया निशाना ,योगेश कथूनीय ने रजत को बनाया अपना दोस्त, पैराओलंपिक मे भारत को मिली पाँच सफलताएं।

0
2778
source = thehindu

भारत की अवनि लेखरा ने पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतकर इतिहास बना दिया है. अवनि ने निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में टॉप पर रहीं. अवनि ने इस इवेंट के क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया. उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का अंक बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में स्थान बनाने के लिये पर्याप्त था. इस भारतीय निशानेबाज ने शुरू से अंत तक निरंतरता बनाये रखी और लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाये.

अवनि लखेरा पैरालंपिक में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ तीसरी महिला हैं. भाविना पटेल पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत की तरफ से पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी महिला हैं. दीपा मलिक पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला है. उन्होंने रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था. उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है.

गोल्ड जीतने वाली चौथी भारतीय खिलाड़ी

अवनि लखेरा पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली सिर्फ चौथी भारतीय खिलाड़ी हैं. पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला गोल्ड मुरलीकांत पेटकर ने 1972 पैरालंपिक में दिलाया था. पेटकर ने पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 37.33 सेकंड का समय लेकर विश्व रिकार्ड बनाने के साथ स्वर्ण पदक जीता था. यह भारत का पैरालंपिक खेलों में पहला पदक था. इसके बाद देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस ओलंपिक 2004 और रियो ओलंपिक 2016 में जेवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड दिलाया. वहीं रियो खेलों में मरियप्पन थंगावेलु ने रियो खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था.

BEGLOBAL

ओलंपिक-पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली छठी भारतीय

अवनि लखेरा ओलंपिक-पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली छठी भारतीय हैं. उनसे पहले पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर, देवेंद्र झाझरिया और मरियप्पन थंगावेलु गोल्ड जीत चुके हैं. वहीं ओलंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में गोल्ड जबकि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
भारत को टोक्यो पैरालंपिक में मिला 5वां पदक

भारत के योगेश कथूनिया ने पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के एफ56 वर्ग में इस वर्ष का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता. आठ साल की उम्र में लकवाग्रस्त होने वाले योगेश ने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया. ब्राजील के बतिस्ता डोस सांतोस ने 45.59 मीटर के साथ स्वर्ण जबकि क्यूबा के लियानार्डो डियाज अलडाना (43.36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता. योगेश पैरालंपिक खेलों में चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) में सिल्वर जीतने वाले प्रथम भारतीय खिलाड़ी हैं.

विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता योगेश ने टोक्यो में अपने आयोजन की शुरुआत की. उनका पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका था. भारत का यह टोक्यो पैरालंपिक खेलों में तीसरा रजत पदक है. रविवार को महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रजत पदक जीते जबकि विनोद कुमार का चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here