35.6 C
Delhi
शनिवार, अप्रैल 27, 2024
Recommended By- BEdigitech

Nirjala Ekadashi Vrat: जानिए निर्जला एकादशी व्रत का सही दिन, शुभ मुहूर्त, व्रत का महत्व और परहेज ?

हर साल की ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। निर्जला एकादशी के व्रत को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस व्रत को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति यह व्रत करता है। उसे पूरे साल भर में आने वाली एकादशी के जितना पुण्य प्राप्त होता है।

अगर साल 2022 की बात करें तो इस साल यह व्रत 10 जून यानी की शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। लेकिन एकादशी की तिथि 10 और 11 तारीख को पड़ने की वजह से लोगों के मन में यह भी सवाल आ रहा है कि आखिर व्रत रखना किस दिन है।

अब अगर आपका भी यही सवाल है तो आप चिंता ना करें हम अपनी इस पोस्ट में आपको आपके सभी सवालों का जवाब देने वाले है। जैसे कि इस व्रत को कब करना है, निर्जला एकादशी व्रत का महत्व क्या होता है और इस दिन आपको किन चीजों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

क्योंकि जितना पुण्यदायनी यह व्रत है, उससे ज्यादा इस दिन किए गए कार्यों का महत्व माना जाता है। तो आइए अब आपको निर्जला व्रत की पूरी जानकारी देते है।

Advertisement

Table of Contents

निर्जला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और तिथि क्या है ?

अगर हिंदू पंचांग की बात करें तो निर्जला एकादशी की शुरूआत 10 जून के दिन प्रातः 7 बजकर 25 मिनट से लेकर 11 जून को प्रातः 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा रवि योग 11 जून प्रातः 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 12 जून प्रातः 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। साथ ही निर्जला एकादशी का पारण 11 जून को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।

10 जून या फिर 11 जून कब रखना है यह व्रत ?

अब बात कर लेते है उस सवाल की जिसे लेकर हर कोई परेशान है यानी कि निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को रखें या फिर 11 जून को तो सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि व्रत किस वक्त रखना सबसे फलदायी माना जाता है।

तो हिंदू शास्त्रों के अनुसार व्रत का फल सबसे उचित तब माना जाता है जब व्रत की तिथि सूर्योदय से पहले लग रही है क्योंकि उसे उदया तिथि कहा जाता है। लेकिन अगर 10 जून की बात करें तो इस दिन व्रत की तिथि सूर्योंदय के बाद यानी कि प्रातः 7 बजकर 25 पर लग रही है।

जिसकी वजह से इसे उदया तिथि नहीं माना जाएगा। इसलिए अगर आप व्रत रखना चाहते है तो 11 जून को रखें क्योंकि इस दिन की तिथि उदया तिथि है। साथ ही इस दिन द्वादशी का क्षय और तेरस भी लग रही है। जिससे इस दिन का मुहूर्त और भी ज्यादा शुभ बन रहा है।

निर्जला एकादशी का महत्व क्या है ?

निर्जला एकादशी व्रत के महत्व की बात करें तो यह व्रत रखने से इंसान को सभी तीर्थों का स्नान करने जितना फल प्राप्त होता है। इसके अलवा इंसान के सभी पाप समाप्त होते है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ती होती है और अगर इस खास दिन पर गोदान, वस्त्र दान, फल एवं भोजन दान किया जाए तो इसका भी कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।

एकादशी व्रत में ना करें भूलकर भी यह काम ?

•              मांस-मदिरा का सेवन ना करें।

•              पानी का सेवन ना करें।

•              किसी से बुरा बर्ताव ना करें।

•              नमक खाने से बचें।

•              चावल के सेवन से बचें।

•              पूजा में भी चावल का इस्तेमाल ना करें।

शुभम सिंह
शुभम सिंह
शुभम सिंह शेखावत हिंदी कंटेंट राइटर है। वह कई टॉपिक्स पर आर्टिकल लिखना पसंद करते है जैसे कि हेल्थ, एंटरटेनमेंट, वास्तु, एस्ट्रोलॉजी एवं राजनीति। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। वह कई समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम कर चुके है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles