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रविवार, मई 5, 2024
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यूपी विधानसभा चुनावः असदुद्दीन ओवैसी हुए हमलावर कहा, सपा और बसपा की नासमझी ने बनाया नरेंद्र मोदी को दो बार प्रधानमंत्री

असदुद्दीन ओवैसी का नाम कौन नहीं जानता ? चुनाव हो और असदुद्दीन ओवैसी नजर ना आए ऐसा भला कैसे हो सकता है। असदुद्दीन ओवैसी हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते ही है।

बात दें की इन दिनों असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में है और इस दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी बीते बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का घेरते हुए नजर आए। असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से बने।

बात दें कि यह सब असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा उन्होंने कहा कि ‘आज का मुसलमान जान चुका है कि कई पार्टियां उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है। इतना ही नहीं इस दौरान वह विरोधियों के उन आरोपों को भी खारिज करते नजर आए, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था।

इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए खुद पर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करने के आरोपों पर सवाल किया कि, ‘सुलतानपुर में आप सभी ने अखिलेश यादव को दिल खोल कर वोट दिया था, तो बताइए सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) चुनाव कैसे जीते ? ऐसा कैसे हो सकता है कि जब आपने वोट किसी को दिया और चुनाव किसी और ने जीता, इसी तरह भाजपा ने 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव कैसे जीता, जबकि एआईएमआईएम या असदुद्दीन ओवैसी तो वहां से लड़ा ही नहीं था?’

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बताइए ? अपनी हार पर अखिलेश यादव ने यह तो कह दिया कि मुसलमानों ने वोट नहीं दिया इसलिए हारे, उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि हिंदू ने वोट नहीं दिया इसलिए हारे? क्या मुसलमान कैदी हैं?’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर होते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि, ‘‘क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं?’’ उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी अखिलेश और मायावती की ‘नासमझी’ के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने है।’’ हालांकि उन्होंने इस पर कुछ विस्तार से नहीं बोला।

असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के खिलाफ हैदराबाद में अपनी जीत पर चुटकी लेते हुए कहा कि लोकसभा के चुनाव में एआईएमआईएम ने तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव लड़ा था और हमने हैदराबाद में भाजपा को पटखनी दी, हमें हराने के लिए मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल हैदराबाद में गल नहीं पाई। औरंगाबाद में 21 साल से शिवसेना सांसद को हमने हराया। किशनगंज में हम हार जरुर गए लेकिन जनता ने हमें लाखों वोटों से नवाजा।’

इस दौरान वह अपनी जीत को लेकर दावा करते नजर आए, उन्होंने कहा कि, ‘जहां से मैं लड़ता हूं वहां से भाजपा कभी नहीं जीतती। अपने लिए अपील करते हुए उन्होंने कहा कि, हम तो बस इतना ही चाहते हैं कि कोई हो जो मुसलमानों की आवाज को विधानसभा और संसद में उठा सके और यह तभी संभव हो सकता है जब हम सब अपने लोगों को चुनकर भेजेंगे।”

इस दौरान उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला, उन्होंने कहा कि,‘केंद्र ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 116 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि यूपी सरकार ने इसमें केवल 10 करोड़ रुपये ही खर्च किए।’ उन्होंने अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि, ‘मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया था लेकिन अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं निकाला।’

इसके बाद जब वह पत्रकारों से रूबरू हुए तो उन्होंने यह दावा किया कि ‘आज का मुसलमान सब जानता है, कि कैसे कई राजनीतिक पार्टियों केवल उनके वोटों का इस्तेमाल करती है, लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है।

उन्होंने आगे कहा कि आज हर समाज का नेता कुर्सी पर बैठा है और उनका नेता अपने समाज को फायदा दिलाता है। तो मुसलमानों के साथ भेदभाव क्यों ? मुसलमान भी चाहते है कि शिक्षा और अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी हो।’

बताते चलें कि, असदुद्दीन ओवैसी ने बीते मंगलवार को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर लखनऊ में अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर घोषणा की थी और इसके साथ ही अयोध्या के रूदौली से अपना अभियान भी शुरू कर दिया था।

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