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सोमवार, अप्रैल 29, 2024
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मकर संक्रांति के दिन करें यह उपाय, भगवान सूर्य और शनिदेव की बरसेगी कृपा ?

सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। तो उसे संक्रांति कहा जाता है और 12 राशियों के अनुसार एक साल में करीब 12 संक्रांतियां आती है। जिनमें से विशेष महत्व मकर संक्रांति का माना जाता है।

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इस दौरान भगवान सूर्य धनु राशि से शनिदेव के घर मकर राशि में प्रवेश करते है। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण भी होता है और इस दिन की जाने वाली पूजा का कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार अगर इस मिलन पर कुछ उपाय किए जाए तो इससे व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। तो आइए आपको इन्हीं उपायों के बारे में बताते है।

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सूर्योदय से पहले स्नान

ऐसा कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन अगर सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लिया जाए। तो इसका दस हजार गुणा फल मिलता है। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन नदी या फिर समुंद्र में स्नान किया जाए और स्नान के बाद दान-पुण्य किया जाए। तो व्यक्ति के सभी कष्ट समाप्त हो जाते है।

क्योंकि मकर संक्रांति के दिन ही माँ गंगा जी भगवान शिव जी की जटाओं से निकलकर भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में मिली थी और इसी के चलते मकर संक्रांति के दिन गंगासागर और गंगा स्नान का भी बहुत महत्व माना जाता है।

लेकिन आज के समय में कोरोना की वजह से नदियों में स्नान करना संभव नहीं है। तो आप घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते है।

भगवान सूर्यदेव की पूजा

मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद तांबे के पात्र में शुद्ध जल भरें और फिर उसमें लाल पुष्प, लाल चन्दन और तिल डालकर ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दौरान आप ध्यान रखे कि आपकी दृष्टि गिरते हुए जल में प्रतिबिंबित सूर्य की किरणों पर हो।

भविष्य पुराण में ऐसा लिखा गया है कि जो व्यक्ति भगवान सूर्यदेव की पूजा करता है वह चिरंजीवी होता है और इसीलिए आपको मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए।

दान करें

ऐसा कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन अगर ऊनी कपडे, कम्बल, तिल और गुड़ से बने व्यंजन व खिचड़ी दान किया जाए। तो सूर्यदेव और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

तिल-गुड़ का सेवन

शनिदेव भगवान सूर्यदेव के पुत्र है और शनिदेव अपने पिता सूर्य से बैर रखते हैं और मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि से शनिदेव के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसे में शनिदेव के घर में सूर्यदेव की उपस्थिति के दौरान शनिदेव उन्हें कष्ट न पहुंचाए।

इसलिए मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के सेवन का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन किसी न किसी रूप में तिल एवं गुड़ से बनी चीजे खानी ही चाहिए। इससे भगवान सूर्यदेव एवं शनिदेव की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है।

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