27.1 C
Delhi
शुक्रवार, अक्टूबर 4, 2024
Recommended By- BEdigitech

राज्य सभा हंगामा – सब खेल तमाशा कुर्सी का

राज्य सभा में हुए हंगामे पर सरकार का रुख सख्त है. राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कल ही कहा था कि जांच के बाद उचित कार्रवाई होनी चाहिए. अब इस मामले में जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके मुताबिक जैसे ही संशोधन बिल पेश किया गया, विपक्ष के सासंद सदन के WELL में आ गए और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने लगे. इससे पहले सदन की कार्यवाही सामान्य तरीके से चल रही थी. हंगामे को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें कहा गया है कि हंगामा कर रहे सदस्यों ने टेबल पर चढ़ने की कोशिश की और पेपर फाड़े. 


हंगामा बढ़ा तो सुरक्षा अधिकारियों ने अपनी जगह पर तैनात होकर आगे किसी भी नुकसान को रोकने की कोशिश की तो सांसदों ने कागज़ फाड़े और सभापति की तरफ फेंकने लगे. हंगामे को देखते हुए अतिरिक्त सिक्योरिटी बुलाई गई. सुरक्षा घेरा तोड़ने में विफल रहने के बाद, विपक्ष के सासंदों ने मार्शल के साथ धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक महिला मार्शल को एक सांसद ने बुरी तरह से घसीटा, जिसके बाद महिला मार्शल को कई चोटें आईं.

मार्शल का गला पकड़ा

एक सांसद ने तो सुरक्षा घेरा तोड़ने के चक्कर में एक मेल मार्शल के गले को पकड़ लिया जिससे मार्शल का दम घुटने लगा. इस दौरान किसी भी मार्शल ने किसी भी सांसद के साथ बदसलूकी नहीं की. 6 बजकर 4 मिनट पर डोला सेन और शांता छेत्री हाउस के वेल में पहुंच गए. 6 बजकर 8 मिनट पर फूलो देवी नीतम द्वारा कागज फाड़े गए और SG की तरफ हाउस की चेयर पर फेंके गए. 8 बजकर 9 मिनट पर छाया वर्मा ने भी कागज फाड़े.

Advertisement

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को हाल में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में कुछ सांसदों के व्यवहार पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मॉनसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के एक दिन बाद बिरला ने नायडू से मुलाकात की और दोनों ने सत्र के दौरान ‘संसद में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की.

सहा नहीं जाना चाहिए ऐसा व्यवहार

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों ने कुछ सांसदों के कामकाज में बाधा डालने वाले बर्ताव पर गहन चिंता प्रकट की. इसमें कहा गया, ‘उनका पुरजोर मानना है कि ऐसे अशांतिपूर्ण व्यवहार को सहा नहीं जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.’ नायडू ने सदन में अप्रिय स्थिति बनने पर बुधवार को रुंधे गले से विपक्ष के कुछ सदस्यों के व्यवहार की तुलना लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किये जाने से की थी.

संसदीय कार्य मंत्री भी मिले नायडू से

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य सभा में नेता सदन पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी ने नायडू से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. उन्होंने कुछ सदस्यों के खराब व्यवहार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles