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शनिवार, दिसम्बर 14, 2024

Sahara India Money Refund : सहारा इंडिया के निवेशकों को करना होगा आवेदन, 1 week में आएगा पैसा

केंद्रीय सहकारी मंत्रालय ने एक औपचारिक घोषणा में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बाद, 10 करोड़ निवेशकों के लिए धन वापसी का मार्ग स्पष्ट हो गया है।

ये निवेशक सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में निवेश कर चुके थे। अब, सहारा-सेबी धनवापसी खाते में जमा धन को निवेशकों को लौटाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में निवेश करने वाले व्यक्तियों को धन वापस मिलेगा। इसमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (STARS मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) जैसी STARS बहुउद्देशीय सहकारी योजनाएँ शामिल हैं। ये सभी योजनाएँ मार्च 2010 से जनवरी 2014 तक बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत की गई थीं।

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समस्या क्या थी ?

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लाखों निवेशकों ने अपनी पूरी जीवन की कमाई सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में निवेश कर दी है। इन्हें अब अपने निवेशित धन के लिए द्वार-द्वार और दरवाजे-दरवाजे घूमना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट के खिलाफ 25,781 करोड़ रुपए का जमा आदेश जारी किया था।

यह दोनों कंपनियाँ मार्च 2008 से अक्टूबर 2009 के बीच लाखों निवेशकों से यह धन संग्रहित कर चुकी थीं। इन्होंने 15,569 करोड़ रुपए का धन जमा किया, जिस पर 9,410 करोड़ रुपए का ब्याज लग गया। इस प्रकार, सहारा-सेबी फंड में कुल 24,979 करोड़ रुपए का जमा हुआ। इस खाते में अभी भी 23,937 करोड़ रुपए बाकी हैं, चाहे कुछ लोगों के पैसे निकल चुके हों।

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की तरफ से उप सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भट्टी ने पिछले सुनवाई में कोर्ट को यह बताया कि सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी जैसी चार बहुराज्यीय सहकारी समितियां ने 86,673 करोड़ रुपए की राशि नौ करोड़ से अधिक निवेशकों से इकट्ठी की और इसमें से 62,643 करोड़ रुपए का निवेश अंबे घाटी में किया गया। सहारा समूह की सहकारी समितियां ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक विशेष आदेश के बावजूद इस मामले में सहयोग नहीं किया है और निवेशकों के धन वापसी और दावों की समाधान प्रक्रिया को खारिज कर दिया है।

कारपोरेट की सांठगांठ

सहारा ग्रुप की कंपनियों के बीच आपस में बहुत बड़ी सांठगांठ थी। इसने निवेशकों से प्राप्त धन का चयन किया और इसे एक संपत्ति में निवेश किया। सहारा की कंपनियों और योजनाओं में देशभर के लाखों लोगों ने निवेश किया था। सहारा ने आईपीओ लॉन्च करने की योजना बनाई थी।

जब सहारा ने आईपीओ के लिए सेबी के पास अर्जी दी, तो सेबी ने इससे डीआरएचपी, अर्थात कंपनी का पूरा विवरण, मांगा। सेबी ने जब इसकी जांच की, तो कई अनुचितताएं सामने आईं। इसके बाद सेबी ने सहारा इंडिया पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी। सहारा पर अपने निवेशकों के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था।

सेबी ने 24 नवंबर 2010 को सहारा समूह पर जनता से किसी भी प्रकार के धन संग्रहण पर प्रतिबंध लगा दिया था। मामला अंततः सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों का पैसा 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया। यह राशि 24,029 करोड़ रुपए थी। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी के नियमों का उल्लंघन किया है।

कंपनियों का कहना है कि यह धन उन लाखों भारतीयों से एकत्रित किया गया है, जो बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हुए। जब सहारा समूह की कंपनियाँ निवेशकों को भुगतान करने में असमर्थ रहीं, तो न्यायालय ने रॉय को कारावास भेज दिया। वह दो वर्ष से अधिक समय तक कारावास में रह चुके हैं। वह 6 मई 2017 से पैरोल पर हैं। उन्हें पहले अपनी माता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए पैरोल दी गई थी, जिसे बाद में विस्तारित कर दिया गया था।

सरकार द्वारा संसद में दी गई सूचना के अनुसार, सेबी को 19,644 आवेदन मिले हैं, जिसमें 53,642 प्राथमिक बांड प्रमाणपत्र/पासबुक शामिल हैं, जिनकी कुल मूल राशि 81.70 करोड़ रुपए है। इनमें से सेबी ने 48,326 प्राथमिक बांड प्रमाणपत्र/पासबुक धारक 17,526 पात्र बॉन्डधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं। इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूल धन और 67.98 करोड़ रुपये ब्याज शामिल है। बाकी के आवेदन अवैध हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सहारा कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में उनका रिकॉर्ड नहीं मिल सका। साथ ही, कई बॉन्डधारकों ने सेबी के प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया, इसलिए उनके आवेदन खारिज कर दिए गए।

Sahara India का धन वापसी ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया?

● सबसे पहले, Sahara India की धन वापसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। (Sahara India Money Refund Apply Online के लिए सीधा लिंक नीचे दिया गया है।)

● Sahara India की आधिकारिक वेबसाइट पर पहुंचने के बाद, होमपेज पर आपको Sahara India Money Refund का विकल्प दिखाई देगा, जो जल्द ही (लिंक सक्रिय किया जाएगा) पर क्लिक करें।

● आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि क्लिक करने के बाद, आपके सामने SEBI-Sahara Refund Online Application Form 2023 खुल जाएगा। अब आपको इसे ध्यानपूर्वक भरना होगा, साथ ही आपको अपने भुगतान के सभी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा।

● इस सब की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, अंत में आपको ‘Submit’ का विकल्प देखने को मिलेगा, जिस पर क्लिक करना है। Submit विकल्प पर क्लिक करने के बाद, आपको एक ऑनलाइन रसीद प्राप्त होगी, जिसे आपको डाउनलोड / प्रिंट करके अपने पास सुरक्षित रखना होगा।

आपने उपरोक्त बताई गई प्रक्रिया का अनुसरण करके Sahara India Money Refund Apply Online प्रक्रिया को समझ लिया होगा।

Sahara India का धन वापसी ऑफलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया?

● सबसे पहले, Sahara India की धन वापसी के लिए ऑफलाइन आवेदन करने हेतु आपको Sahara India Refund Apply Form 2023 डाउनलोड करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा। (आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने का सीधा लिंक इस पोस्ट के नीचे दिया गया है।)

● अब आपको इस आवेदन फॉर्म के दूसरे पेज पर जाना होगा जहां आपको आवेदन फॉर्म मिलेगा। अब आपको इसमें मांगी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक भरना होगा।

● अब आपको इस ऑफलाइन आवेदन फॉर्म के साथ मांगी गई सभी दस्तावेजों को स्व-भिप्रमाणित करना होगा।

● उसके बाद, आपको ऑफलाइन आवेदन फॉर्म और सभी दस्तावेजों (All Documents) को एक साथ जोड़ना होगा। अब आपको अंत में अपने सभी दस्तावेज और ऑफलाइन आवेदन फॉर्म को SEBI के कार्यालय में जाकर जमा करना होगा।

आपने उपरोक्त बताई गई प्रक्रिया को कदम-दर-कदम अनुसरण करके Sahara India Money Refund ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया को समझ लिया होगा, और अब आप अपने पैसे की वापसी करवा सकते हैं।

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Important Links

Sahara India Money Refund Form – (https://www.sebi.gov.in/sebi_data/commondocs/apr-2018/sahara_application_for_refund_p.pdf)

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