19.1 C
Delhi
शनिवार, दिसम्बर 14, 2024

धान की फसल की अधिक पैदावार कैसे करें, ये आसान उपाय करें

हमारे देश में धान एक प्रमुख फसल है। चीन के बाद भारत का धान उत्पादन में दूसरा स्थान है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान है। धान की फसल को रोग व कीट से बचाने के लिए किसान उपाय कर रहे हैं। अधिक पैदावार हासिल करने के लिए ये बहुत जरूरी है। अगर आपने भी खेत में धान की फसल लगाई है। आपको कीट और रोग लगने का डर है तो आप इसके लिए कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।

धान की रोपाई के लिए करीब 25-30 दिन बाद, धान की अधिक उपज वाली प्रजातियों में प्रति हेक्टेयर 30 किलो ग्राम नाइट्रोजन और सुगंधित प्रजातियों में 15 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग करें। नाइट्रोजन की दूसरी और अंतिम टॉप ड्रेसिंग रोपाई के बीच करीब 50 से 55 दिन का समय दें।

धान की उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें कई तकनीकों का उपयोग करते है। धान की नर्सरी से लेकर धान की रोपाई तक के लिए आप आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके धान की फसल की अधिक पैदावार ले सकते है।

BEGLOBAL

फसल को सही पोषण दें

धान की रोपाई होने के 20-30 दिन के बाद ही कल्ले फूटने लगते हैं। जिस कारण धान को इस दौरान अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आपको इस दौरान धान के खेत में ज्यादा पानी न रखें। साथ ही खते में प्रतिएकड़ 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक जरूर दें।

खेत को रखें सूखा

आपको बता दें कि धान पानी वाली फसल है। आपको धान की फसल में पूरे 4 महीने पानी नहीं रखना है। धान की रोपाई के 20-25 दिनों के बाद कुछ समय के खेत से पानी निकाल दें। इससे धान की जड़ों को धूप और आक्सीजन सही से मिलेगा। पानी निकालने से जड़ों की बढ़वार अच्छी होगी। खेत को इतना भी सूखा नहीं करना है कि खेत में दरारें पड़ने लगे।

रोपाई के 15-20 दिनों बाद पाटा लगाएं

धान की रोपाई के 15 दिनों बाद आप 10-15 फीट का बांस लेकर दो बार पाटा लगा दें। इससे धान की जड़ों का झटका लगेगा। जिससे धान की छोटी और हल्की जड़ों को भी आगे निकले का मौका मिलेग।

पाटा लगाने से धान के पौधों पर लगने वाले सुंडी आदि कीड़े भी पानी में गिरकर मर जाते हैं। एक बार पाटा लगाने के बाद दूसरी बार पाटा उल्टी दिशा में ही लगाएं। पाटा लगाते वक्त खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी होना चाहिए।

धान में कल्ले बढ़ाने की दवा

धान की रोपाई के बाद खरपतवार के लिए 2-4D नामक दवा का इस्तेमाल कर सकते है। खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के 3-4 दिनों के अंदर पेंडीमेथलीन 30 ई.सी की 3.5 लीटर मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से 800-900 लीटर पानी में मिलाकर खेत में प्रयोग करें। इससे खरपतवार नियंत्रण अच्छी तरह से होता है।

धानजाइम गोल्ड का छिड़काव करें

यह धानज़ाइम गोल्ड समुद्री घास एक जैविक तकनीकी उत्पाद है। यह पौधों में वृद्धि को प्रेरित करता है और जड़ों का विकास करता है। इससे पौधों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाती है।

ये भी पढ़े – नौकरी छोड़, इन दो लड़कियों ने किसानों और बच्चों के लिए किए नए इनोवेशन, Solar energy के जरिए खेती को बनाया आसान

मोहित नागर
मोहित नागर
मोहित नागर एक कंटेंट राइटर है जो देश- विदेश, पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और वास्तु से जुड़ी खबरों पर लिखना पसंद करते हैं। उन्होंने डॉ० भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मोहित को लगभग 3 वर्ष का समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles

BEGLOBAL